November 9, 2021 | आचार्य प्रशांत
प्रश्नकर्ता: नमस्ते आचार्य जी, डिस्मेंटलिंग ग्लोबल हिंदुत्व (वैश्विक हिंदुत्व की समाप्ति) के नाम से अमेरिका में एक कॉन्फ्रेंस हो रही है। बहुत सारे लोगों का ऐसा मानना है कि यह कॉन्फ्रेंस हिन्दुओं को बदनाम करने की एक साज़िश है।
इसी विषय में, आपके एनआरआई (प्रवासी भारतीय) श्रोता हैं एक, उनकी ओर से हमें एक ई-मेल आई है। ई-मेल में वो अपील कर रहे हैं कि आप इस विषय पर कुछ बोलें और उनका ऐसा मानना है कि इस कॉन्फ्रेंस में जो भी तर्क दिए जाएँगे वो सत्य संगत नहीं होंगे, ग़लत होंगे और उनके शब्द हैं — ‘‘आचार्य जी, यू हैव ए लार्ज एनआरआई ऑडियन्स दैट रेग्यूलरली वाचेस यूअर वीडियोस एण्ड एक्सट्रैक्स विसडम फ्रॉम दैम। वी नीड यूअर लीडरशीप इन एड्रेसिंग द फाल्स ट्रुथस्, दैट वील बी स्पोकन एट दिस कॉन्फ्रेंस। प्लीज़ स्पीक।’’ (प्रवासी भारतीयों में एक बहुत बड़ा समूह आपके वीडियो का नियमित श्रोता है और वो चाहते हैं कि इस समारोह में जो ग़लत तर्क दिया जाएगा उसको काटने के लिए आप हमारी ओर से सच का प्रतिनिधित्व करें। कृपया कुछ कहें।)
जब उनका ई-मेल पढ़ा और इस कॉन्फ्रेंस के बारे में मैंने भी थोड़ी रिसर्च (शोध) करी तो यह सवाल मेरे मन में भी उठ रहा है कि क्या सचमुच ये हिंदुओं को बदनाम करने की साज़िश है, अगर है तो किस तरीके से?
आचार्य प्रशांत: देखो, साज़िश अगर है भी — जो लोग इस कॉन्फ्रेंस में बोलने वाले हैं या जिन्होंने इस कॉन्फ्रेंस को ऑर्गनाईज़ (आयोजित) करा है, मुझे नहीं मालूम कि उनके मन में क्या हो रहा है। मैं अंतरयामी नहीं हूँ।
आचार्य प्रशांत एक लेखक, वेदांत मर्मज्ञ, एवं प्रशांतअद्वैत फाउंडेशन के संस्थापक हैं। बेलगाम उपभोगतावाद, बढ़ती व्यापारिकता और आध्यात्मिकता के निरन्तर पतन के बीच, आचार्य प्रशांत 10,000 से अधिक वीडिओज़ के ज़रिए एक नायाब आध्यात्मिक क्रांति कर रहे हैं।
आई.आई.टी. दिल्ली एवं आई.आई.एम अहमदाबाद के अलमनस आचार्य प्रशांत, एक पूर्व सिविल सेवा अधिकारी भी रह चुके हैं। अधिक जानें
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